ProfBsingh's profile picture.

Brijendra Singh

@ProfBsingh

बुजुर्गों ने सत्य ही कहा है कि :- #शिक्षा में बड़ी ताकत है..... इसके दम पर आप #झोपड़ी से महल तक पहुंच सकते हैं, केवल #अर्जुन जैसा कौशलवान शिष्य ही कर सकता है I प्रत्येक ,#विद्यार्थी को अर्जुन जैसा प्रयास करना चाहिए, मंज़िल निश्चित ही मिलेगी मिलेगी I


बुजुर्गों ने सत्य ही कहा है कि :- केवल सफलता चरित्र या ज्ञान का निर्माण नहीं करती है; यह असफलता ही है जो वास्तव में हमारी समझ और लचीलेपन को आकार देती है। असफलताएँ हमें महत्वपूर्ण सबक और अंतर्दृष्टि प्रदान करती हैं जो हमारे विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं I


बुजुर्गों ने सत्य ही कहा है कि:- #समाज के लिए, एक #प्रोफेसर सिर्फ एक #शिक्षक नहीं होता, बल्कि वह एक बहुआयामी व्यक्तित्व होता है, जिसकी भूमिकाएँ #शिक्षा से कहीं आगे तक जाती हैं। वह एक #मार्गदर्शक, #शोधकर्ता, #ज्ञान_सर्जक, शैक्षणिक नेतृत्वकर्ता और एक #आदर्श_व्यक्ति होता है।


बुजुर्गों ने सत्य ही कहा है कि :- अब कुछ कहते नहीं बन रहा। ऐसी स्थिति के लिए पूरी व्यवस्था व समाज को गंभीर चिन्तन की आवश्यकता है। शैक्षणिक क्षेत्र में विश्वसनीयता का ह्रास संपूर्ण समाजिक ढांचे को कमजोर करता जाता है।

ProfBsingh's tweet image. बुजुर्गों ने सत्य ही कहा है कि :-
अब कुछ कहते नहीं बन रहा।
ऐसी स्थिति के लिए पूरी व्यवस्था व समाज को गंभीर चिन्तन की आवश्यकता है।
शैक्षणिक क्षेत्र में विश्वसनीयता का ह्रास संपूर्ण समाजिक ढांचे को कमजोर करता जाता है।

बुजुर्गों ने सत्य ही कहा है कि:- त्रेतायुग में शिक्षा का स्तर उच्चतम और जीवनपरक था। भगवान श्रीराम ने महर्षि वशिष्ठ और विश्वामित्र से शिक्षा पाई थी। उनके जीवन में शिक्षा के संस्कार स्पष्ट रूप से दिखाई देते हैं सत्य, मर्यादा, कर्तव्यनिष्ठा। आज शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है क्यो


बुजुर्गों ने सत्य ही कहा है कि :- किसी दिन जब आपके सामने कोई समस्या न आए, तो आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं I


बुजुर्गों ने सत्य ही कहा है कि:- आचार्य (गुरु/विद्वान) को समाज का मार्गदर्शक माना गया है। राजनीति केवल सत्ता पाने का साधन नहीं बल्कि धर्म, नीति और समाजहित से जुड़ा कार्य था। इसलिए राजा-महाराजा और राजनेता प्रायः आचार्यों/संतों से मिलते थे , आज इसकी विपरीत हो रहा है


बुजुर्गों ने सत्य ही कहा है कि :- माँ की 'ममता' और पिता की 'क्षमता एवं गुरु के उद्देश्य का अंदाज़ा लगा पाना असंभव है!


बुजुर्गों ने सत्य ही कहा है कि :- थका हुआ इंसान शेर नहीं होता वह शिकार बन जाता है, इसलिए इंसान को ऊर्जा बचाकर रखनी चाहिए, जो पैसे से भी ज्यादा कीमती हैI


बुजुर्गों ने सत्य ही कहा है कि :- ईश्वर भक्ति से नहीं अच्छे कर्मों से मिलते हैं। वरना तपस्या तो राक्षसों नें भी ईश्वर की ही की थी।


बुजुर्गों ने सत्य ही कहा कि :- शिक्षा एवं संस्कार जीवन के लिए मूलमंत्र हैं। शिक्षा झुकने से और संस्कार गिरने से बचाते हैं। #happy_teachers_day


बुजुर्गों ने सत्य ही कहा है कि :- प्रशंसा की भूख.... अयोग्यता की परिचायक है ! काबिलियत की तारीफ तो विरोधियों के भी दिल से निकलती है !!


बुजुर्गों ने सत्य ही कहा है कि:- तीर को निशाने पर लगाने के लिए, निशाना साधना पड़ता है।उसी प्रकार जीवन में सफल होने के लिए लक्ष्य साधना पड़ता है। फिर उस लक्ष्य को बेंधने के लिए एकाग्रता से सब्र के साथ तीर छोड़ना पड़ता है। तब जाकर लक्ष्य बेधन होता है। कर के देखो सफलता ही सफलता है I


बुजुर्गों ने सत्य ही कहा है कि :- परिश्रम में जो तपा है , उसने ही तो इतिहास रचा है। जिसने फौलादी चट्टानों को तोडा है , उसने ही समय को मोड़ा है।


बुजुर्गों ने सत्य ही कहा है कि :- जो लोग सत्ता के आगे बोल नहीं सकते वह सत्ता के गलत कार्यों में मोन स्वीकृति देते हैं क्यों कि वह सब अपने स्वार्थ में डूबे हुए हैं I


बुजुर्गों ने सत्य ही कहा है कि :- चापलूस व्यक्ति कभी स्वाभिमानी नहीं हो सकता । चापलूसी एक कला है, वही स्वाभिमानी होना एक गुण है


बुजुर्गों‌ ने सत्य ही कहा है कि :- श्रेष्ठता का आधार ऊंचे आसन पर नही, बल्कि ऊंची सोच पर निर्भर करता है I


बुजुर्गों ने सत्य ही कहा कि :- अगर आप तेजी से चलना चाहते हो, तो अकेले चलिए और अगर आप दूर तक चलना चाहते हो तो साथ मिलकर चलिए I


बुजुर्गों ने सत्य ही कहा है कि :- संस्कारों से बड़ी कोई वसीयत नहीं होती,और ईमानदारी से बड़ी कोई विरासत नहीं होती!


बुजुर्गों ने सत्य ही कहा है कि :- बड़े लोग अपने कर्मों से ही महान बनते हैं, बल्कि अपने आचरण और विचारों से दूसरों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बन जाते हैं। वह कभी उपदेश नहीं दिया करते I


Loading...

Something went wrong.


Something went wrong.