kumarvinaye's profile picture. होनी-अनहोनी की परवाह किसे है मेरी जान,हद से ज्यादा यही होगा कि यहीं मर जाएँगे,हम मौत को सपना बताकर उठ खड़े होंगे यहीं,और होनी को ठेंगा दिखाकर,खिलखिला कर जाएँगे.

Vinay Kumar

@kumarvinaye

होनी-अनहोनी की परवाह किसे है मेरी जान,हद से ज्यादा यही होगा कि यहीं मर जाएँगे,हम मौत को सपना बताकर उठ खड़े होंगे यहीं,और होनी को ठेंगा दिखाकर,खिलखिला कर जाएँगे.

My week on Twitter 🎉: 1 Mention. See yours with sumall.com/performancetwe…

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स्टेशन से वापस आकर बूढ़ी आँखे सोचती हैं, पत्ते देहाती होते हैं, फल शहरी हो जाते हैं. #MRana


रहमत भी तेरी शायद कुछ कान की ऊँची है ..... इंसाफ़ भी तेरा कुछ अँधा नज़र आता है


यहाँ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है, अश्लीलता की नहीं.!!


5 रूपए का मूल्य सिर्फ इतना रह गया है कि आप सिर्फ हेड या टेल कर अपनी किस्मत आजमा सकते हैं.


5 rs. wala dairy milk dekh kar aap sakte mein aa sakte hain ki kya ye kuposhan ka shikar hai! :|


न मज़ा है दुश्मनी में न है लुत्फ़ दोस्ती में, कोई ग़ैर ग़ैर होता कोई यार यार होता. #Daagh #Shair


अफ़वाह थी कि मेरी तबियत ख़राब है, लोगों ने पूछ-पूछ के बीमार कर दिया. #Rahat


Vinay Kumar reposted

If you've ever wondered how utterly humongous the Taj Mahal is … Wow!(pic: Karolina Lubryczynska) Stunning photograph

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कश्ती तेरा नसीब चमकदार कर दिया, इस पार के थपेड़ों ने उस पार कर दिया! #MyFav #Rahat


एक अखबार ही हूँ, औकात ही क्या मेरी, मगर शहर में आग़ लगाने के लिए काफ़ी हूँ. #Rahat


हर हकीक़त को मेरी खाक़ समझने वाले, मैं तेरी नींद उड़ाने के लिए काफ़ी हूँ!


मेरे हुजरे में नहीं और कहीं पर रख दो, आसमान लाये हो ,ले आओ, जमीं पर रख दो! #Rahat हुजरे = संत की कुटिया


प्रणाम _/!\_


Vinay Kumar reposted

तरक्क़ी कर गए बीमारियों के सौदागर, ये सब मरीज़ हैं जो अब दवाएँ करने लगे. #RahatIndori


ख़याल कीजिये क्या काम आज मैंने किया, जब उन्ने दी मुझे गाली सलाम मैंने किया. #Insha


ख़मोश ऐ दिल भरी महफिल में चिल्लाना नहीं अच्छा, अदब पहला क़रीना है महब्बत के क़रीनों में.


पत्थरों के बर्तनों में आँसू को क्या रखें फूल को, लफ्जों के गमलों में खिला सकते नहीं!! #Badr


किस ने किस का नाम ईंट पे लिखा है खून से, इश्तिहारों से ये दीवारें छुपा सकते नहीं.


कोई फूल सा हाथ काँधे पे था .... मेरे पाँव शोलों पे चलते रहे


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