mymohit26's profile picture. ना मोह ये मंजिल का,
 मैं मोहित हूं सफ़र से।। ❤️
शब्दों में है जज़्बात और आंखों में ख़्वाब ! ✍🏼🖤
Handsome by face🙃, more beautiful by heart ♥️

mohit yadav

@mymohit26

ना मोह ये मंजिल का, मैं मोहित हूं सफ़र से।। ❤️ शब्दों में है जज़्बात और आंखों में ख़्वाब ! ✍🏼🖤 Handsome by face🙃, more beautiful by heart ♥️

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बात ठहरी दिल की,♥️ वरना हसीन चेहरे तो और भी हैं। 🌸


चाँद को देखों कितना इतरा रहा है, ना चाहते हुए भी तुम्हारी याद दिला रहा है || ✨🌕🤍


Tumhe dekhun ya chand dekhun Baat ek he hai , Tumhe dekhun ya khwaab dekhun Baat ek he hai,, Mukammal hasil kuch nahi iss jahan mai Fr tumhe maangu ya khuda ko baat ek he hai...


Talash kirdaar ki rakhiye Khoobsurati ka kaam hai bikarna


"कर कत्ल तू निगाहों से, इल्ज़ाम में तू मेरा दिल ले ले। ठहर जा रूह में मेरी, चाहे तो मेरा जिस्म ले ले।"


लट बनकर तेरी ज़ुल्फों की, मैं बिखर जाऊँ, कभी तेरे गालों को चूमूँ, तो कभी तेरी आँखों के आगे आकर निखर जाऊँ। तू सिमट कर बाँध लेना मुझे अपने हाथों से, मैं फिर बिखर कर फिर तेरे सिने से लिपट जाऊं।|


"Ho kar bhi mashroof ishq mein mayassar ho gaye, Khaali dil tha ye makan , unki chahat mein ghar ho gaye."


Shayar sa dil mera, tu Mirza Ghalib ki koi nazm si , jisey padh kar kahi kho jaaun main, har misre mein, har harf se tera ho jaun main


सजा दे या तोड़ दे, ये ख्वाब भी तेरा दिल भी मेरा और मैं भी तेरा ||


अब शब्द नहीं बचे तेरी तारीफ़ में, तुम ही बताओ क्या लिखूँ? ख़ुदा कह दूँ तुम्हें, या ख़ुद को तुम्हारे नाम लिखूँ?


तुम ना मिल सके, वो अधूरा ख्वाब हो. तुम मेहबूब नहीं मेरी जिंदगी की शादाब हो.


ना दिन लिखते, ना रात लिखते, अगर गालिब ज़िंदा होते तो, तेरे लिए सारा आसमान लिखते। हर सितारे में तेरी खूबसूरती का दीदार होता, हर रात चाँद तेरी रोशनी से निखर होता। हर सुबह की किरणें से रोशन ये जहाँ होता, अगर हर सुबह मेरी आँखों से तेरी सूरत का दीदार होता।


इसलिए ना दिन लिखते, ना रात लिखते, गालिब अगर ज़िंदा होते, तो तुझे मेरा नाम लिखते।


बड़ा गुरुर है इन झुमकों को अपनी ख़ूबसूरती पर, तुम इन्हें पहन कर आइना दिखा देना ||


सीख रहे हैं हुनर मुस्कुराने का, तुझे याद करके तुझे भूलाने का ||


"दिन ढले हंसी रात नहीं होती, यूँही हमारी मुलाक़ात नहीं होती." कोई तो वजह होगी हमारे मिलने की, यूँही मिलते ही बरसात नहीं होती"


ना जाने क्यू उनसे बात नहीं होती अब हसीं मुलाक़ात न होती , बेवज़ह या कोई वज़ह से रूठी है वो जो अब सावन में भी बरसात नहीं होती II 💔


मुलाकातें हसीन ना लगती, अगर वजह खूबसूरत ना होती|| 🫰🏼✨


लट बनकर तेरी ज़ुल्फों की, मैं बिखर जाऊँ, कभी तेरे गालों को चूमूँ, तो कभी तेरी आँखों के आगे आकर निखर जाऊँ। तू सिमट कर बाँध लेना मुझे अपने हाथों से, मैं फिर बिखर कर तेरे सिने से लिपट जाऊं।|


आज जो मुझसे वफ़ा की बातें कर रही है, कल को किसी ने उसे भी बेवफ़ा कहा होगा ||


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