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विवेक शुक्ल

@vivek_uoa

साहित्य || @uoa_official

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अक्सर मुझे हिंदी साहित्य विषय से UGC-NET की तैयारी करने वाले साथियों के मैसेज आते हैं। उनके द्वारा एक ही प्रश्न सबसे ज़्यादा बार पूछा जाता है- ‘तैयारी के लिए कौन-कौन सी किताबें खरीदें?’। देखिए, मैं कोई विशेषज्ञ नहीं हूँ। मैं भी आप ही की तरह एक सामान्य छात्र हूँ। मैं आपको वही ↓


शिवपालगंज का मौसम

vivek_uoa's tweet image. शिवपालगंज का मौसम
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“एक दिन किसी घोड़े के सुम में नाल ठोंकी जा रही थी। उसे देखकर एक मेढक को शौक चर्राया कि हम भी नाल ठुकायेंगे। बहुत कहने पर नाल वाले ने मेढक के पैर में ज़रा-सी कील ठोंक दी। बस, मेढक भाई वहीं ढेर हो गए। शौकीनी का नतीजा बुरा होता है।” : राग दरबारी


एक अच्छा दिन कैसा हो सकता है? एक बढ़िया ढाई सौ एमएल लेमन टी बनाऊँ और फिर से राग दरबारी पढ़ना शुरू कर दूँ। लेट्स गो


जन्मदिन की हार्दिक शुभकामना @prabhatranjann सर । इस प्लेटफॉर्म पर आप उन चुनिंदा लोगों में से रहे हैं जिनके लिए मैं सप्ताह में एकदिन यहाँ आता हूँ और पढ़कर वापिस चला जाता हूँ । आप सदैव स्वस्थ एवं सक्रिय रहें ।❤️


23 में पहली बार दिल्ली गया। उससे पहले मेरी भी ठीक यही मनोदशा थी। हफ़्ते भर के प्रवास के उपरांत जब लौटकर आया तो दोबारा वापिस जाने की अनिवार्यता आजतक नहीं महसूस हुई। आश्चर्य की बात यह है कि दिल्ली की जिन चीजों से हम आकर्षित होते हैं उनसे अब वहाँ रहने वाले हमारे साथी भी ऊब चुके हैं।

दिल्ली बहुत दूर है, मैं कभी दिल्ली नहीं गई, पर हमेशा से वहाँ जाने की इच्छा रही है। हालांकि बहुत से लोगों को लगता है कि मैं दिल्ली से हूँ, या DU/JNU, etc., में पढ़ती हूँ। मैं मराठी हूँ यह बात वे नहीं मानते। जब सोशल मीडिया पर दिल्ली में हो रही साहित्यिक गोष्ठियाँ, लिट फेस्टिवल की…



कितनी सुंदर तस्वीरें

'जब हम प्यार करते हैं, तो स्त्री को धीरे-धीरे उस दीवार के सहारे खड़ा कर देते हैं, जिसके पीछे मृत्यु है; हम दीवार के सहारे उसका सिर टिका कर उसे सहलाते हैं, चूमते हैं, बातों में उसे बहलाते हैं, बराबर यह आशा लगाए रहते हैं—कि वह कहीं मुड़कर दीवार के पीछे न झाँक ले।' @RajkamalBooks 🌸

synonymoflife_'s tweet image. 'जब हम प्यार करते हैं, तो स्त्री को धीरे-धीरे उस दीवार के सहारे खड़ा कर देते हैं, जिसके पीछे मृत्यु है; हम दीवार के सहारे उसका सिर टिका कर उसे सहलाते हैं, चूमते हैं, बातों में उसे बहलाते हैं, बराबर यह आशा लगाए रहते हैं—कि वह कहीं मुड़कर दीवार के पीछे न झाँक ले।'
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आप सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ। धर्म की जय हो। अधर्म का नाश हो। सियावर रामचंद्रजी की जय। #Diwali2025

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विवेक शुक्ल reposted

“मैं सोचता, यह दुनिया में क्या-क्या हमने खड़ा कर लिया है, जो दो के मनों के स्नेह को ऐसे फाड़ देता है। मन क्या फटने के लिए हैं ! क्या वे आपस में जुड़े रहने के लिए नहीं हैं!" मृणाल की कहानी पढ़कर सिर्फ हमारे पास आंसू बहाना ही बचा रह जाता है।

shhitsish's tweet image. “मैं सोचता, यह दुनिया में क्या-क्या हमने खड़ा कर लिया है, जो दो के मनों के स्नेह को ऐसे फाड़ देता है। मन क्या फटने के लिए हैं ! क्या वे आपस में जुड़े रहने के लिए नहीं हैं!"

मृणाल की कहानी पढ़कर सिर्फ हमारे पास आंसू बहाना ही बचा रह जाता है।
shhitsish's tweet image. “मैं सोचता, यह दुनिया में क्या-क्या हमने खड़ा कर लिया है, जो दो के मनों के स्नेह को ऐसे फाड़ देता है। मन क्या फटने के लिए हैं ! क्या वे आपस में जुड़े रहने के लिए नहीं हैं!"

मृणाल की कहानी पढ़कर सिर्फ हमारे पास आंसू बहाना ही बचा रह जाता है।
shhitsish's tweet image. “मैं सोचता, यह दुनिया में क्या-क्या हमने खड़ा कर लिया है, जो दो के मनों के स्नेह को ऐसे फाड़ देता है। मन क्या फटने के लिए हैं ! क्या वे आपस में जुड़े रहने के लिए नहीं हैं!"

मृणाल की कहानी पढ़कर सिर्फ हमारे पास आंसू बहाना ही बचा रह जाता है।
shhitsish's tweet image. “मैं सोचता, यह दुनिया में क्या-क्या हमने खड़ा कर लिया है, जो दो के मनों के स्नेह को ऐसे फाड़ देता है। मन क्या फटने के लिए हैं ! क्या वे आपस में जुड़े रहने के लिए नहीं हैं!"

मृणाल की कहानी पढ़कर सिर्फ हमारे पास आंसू बहाना ही बचा रह जाता है।

जो साथी पढ़ने के शौकीन हैं उनसे निवेदन है कि उपन्यास और कविता के साथ नाटक विधा की ओर भी रुचि दिखायें। आपके प्रिय उपन्यासकार प्रेमचन्द ने भी बेहतरीन नाटक ( सृष्टि, संग्राम, कर्बला, प्रेम की वेदी) लिखे हैं। नाटक से दूर मत भागिए। इस विधा में विविध विषयों की भरमार है। शुरू तो करें।


विवेक शुक्ल reposted

हिंदी दिवस के मौके पर आप किन नए लोगों को पढ़ना शुरू कर सकते हैं: @Theatultiwari तीन ताल के प्रोड्यूसर हैं, बहुत बेहतरीन गद्य लिखते हैं, इनको खोज कर पढ़ा जाना चाहिए। @AuthorAtul भैया लेखक और गीतकार हैं। साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार से सम्मानित हैं। समकालीन हिंदी लेखकों को पढ़ना…


और मेरे सुझाव पर आप मेरे भाई @imshvetank से जुड़ सकते हैं। मैं इनमें अपार संभावना देखता हूँ।❤️

हिंदी दिवस के मौके पर आप किन नए लोगों को पढ़ना शुरू कर सकते हैं: @Theatultiwari तीन ताल के प्रोड्यूसर हैं, बहुत बेहतरीन गद्य लिखते हैं, इनको खोज कर पढ़ा जाना चाहिए। @AuthorAtul भैया लेखक और गीतकार हैं। साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार से सम्मानित हैं। समकालीन हिंदी लेखकों को पढ़ना…



हिंदी दिवस

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विवेक शुक्ल reposted

“तुमको पीड़ा में ढूँढ़ा तुम में ढूँढ़ूँगी पीड़ा!” -महादेवी वर्मा


आइन्दा नहीं बनायेंगे

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दुनिया में जितनी लानतें हैं, भूक उनकी माँ है —- मंटो .

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