__amitsingh's profile picture. आह जिस वक़्त सर उठाती है, अर्श पे बर्छियाँ चलाती है ! ~मीर तक़ी ‘मीर’ @meertaqimeerjee

amit singh

@__amitsingh

आह जिस वक़्त सर उठाती है, अर्श पे बर्छियाँ चलाती है ! ~मीर तक़ी ‘मीर’ @meertaqimeerjee

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कीजिए इश्क़ बन्दगी की जगह और फिर जानिए ख़ुदा क्या है #अमित_अब्र


-बीनिश रज़ा @binishraza

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@binishraza

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कभी असरार-ए-उल्फ़त है, कभी पहचान उल्फ़त की कभी क़ासिद, कभी ख़त तो कभी उल्फ़त का सामाँ गुल #अमित_सिंह @__amitsingh #Khat #Shair


गर मना मुझ को करते हैं तेरी गली से लोग क्यूँकर न जाऊँ मुझ को तो मरना है ख़्वा-मख़्वाह -मीर तक़ी मीर


हिज्र में पढ़ के ‘मीर’ की ग़ज़लें इश्क़ में चाक-दिल सिया हम ने #अमित_सिंह


आसमाँ से बाँट कर आती ज़मीं पे क्या कि जो रौशनी ये एक जैसी सब के दर आती नहीं #अमित_सिंह


तरदीद तो कर सकता था फैलेगी मगर बात इस तौर भी होगी तिरी रुस्वाई ज़रा और -आनिस मुईन तरदीद = रद्द करना, खंडन


बड़े अज़ाब में हूँ मुझ को जान भी है अज़ीज़ सितम को देख के चुप भी रहा नहीं जाता -ज़ेब ग़ौरी


बयाज़ भर भी गई और फिर भी सादा है तुम्हारे नाम को लिक्खा भी और मिटाया भी -आनिस मुईन बयाज़ = डायरी


दैर से उठ के काबे आया ‘मीर’ जिस को चाहे ख़ुदा ख़राब करे -मीर तक़ी मीर


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अब कर के फ़रामोश तो नाशाद करोगे पर हम जो न होंगे तो बहुत याद करोगे... #मीर_तक़ी_मीर


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'मीर' अमदन भी कोई मरता है जान है तो जहान है प्यारे... #मीर_तक़ी_मीर


जब ग़ज़ल 'मीर' की पढ़ता है पड़ोसी मेरा इक नमी सी मिरी दीवार में आ जाती है -अतुल अजनबी


क्या और ही कहें अब तारीफ़ में हम उस की जब दास्तान उस की दीवान-ए-‘मीर’ में है #अमित_सिंह

अगर हुज़ूर ने दीवान-ए-मीर देखा हो हर एक शे'र मिरी दास्ताँ का हिस्सा है agar huzũr ne deevān-e-meer dekhã ho har ek she'r mirĩ dãstā.ñ kã hissã hai -Divya 'sabaa'

divya_sabaa's tweet image. अगर हुज़ूर ने दीवान-ए-मीर देखा हो
हर एक शे'र मिरी दास्ताँ का हिस्सा है

agar huzũr ne deevān-e-meer dekhã ho
har ek she'r mirĩ dãstā.ñ kã hissã hai

-Divya 'sabaa'


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नाज़ुकी उस के लब की क्या कहिए पंखुड़ी इक गुलाब की सी है * हम जानते तो इश्क़ न करते किसू के साथ ले जाते दिल को ख़ाक में इस आरज़ू के साथ * पत्ता पत्ता बूटा बूटा हाल हमारा जाने है जाने न जाने गुल ही न जाने बाग़ तो सारा जाने है #मीर_तक़ी_मीर उर्दू के बड़े शायरों मे #पुण्यतिथि

Kavya_Ras's tweet image. नाज़ुकी उस के लब की क्या कहिए
पंखुड़ी  इक  गुलाब  की  सी है
*
हम जानते तो इश्क़ न करते किसू के साथ 
ले जाते दिल को ख़ाक में इस आरज़ू के साथ 
*
पत्ता पत्ता बूटा बूटा हाल हमारा जाने है
जाने न जाने गुल ही न जाने बाग़ तो सारा जाने है 

#मीर_तक़ी_मीर
उर्दू के बड़े शायरों मे
#पुण्यतिथि
Kavya_Ras's tweet image. नाज़ुकी उस के लब की क्या कहिए
पंखुड़ी  इक  गुलाब  की  सी है
*
हम जानते तो इश्क़ न करते किसू के साथ 
ले जाते दिल को ख़ाक में इस आरज़ू के साथ 
*
पत्ता पत्ता बूटा बूटा हाल हमारा जाने है
जाने न जाने गुल ही न जाने बाग़ तो सारा जाने है 

#मीर_तक़ी_मीर
उर्दू के बड़े शायरों मे
#पुण्यतिथि
Kavya_Ras's tweet image. नाज़ुकी उस के लब की क्या कहिए
पंखुड़ी  इक  गुलाब  की  सी है
*
हम जानते तो इश्क़ न करते किसू के साथ 
ले जाते दिल को ख़ाक में इस आरज़ू के साथ 
*
पत्ता पत्ता बूटा बूटा हाल हमारा जाने है
जाने न जाने गुल ही न जाने बाग़ तो सारा जाने है 

#मीर_तक़ी_मीर
उर्दू के बड़े शायरों मे
#पुण्यतिथि
Kavya_Ras's tweet image. नाज़ुकी उस के लब की क्या कहिए
पंखुड़ी  इक  गुलाब  की  सी है
*
हम जानते तो इश्क़ न करते किसू के साथ 
ले जाते दिल को ख़ाक में इस आरज़ू के साथ 
*
पत्ता पत्ता बूटा बूटा हाल हमारा जाने है
जाने न जाने गुल ही न जाने बाग़ तो सारा जाने है 

#मीर_तक़ी_मीर
उर्दू के बड़े शायरों मे
#पुण्यतिथि

मेरे रोने की हक़ीक़त जिस में थी एक मुद्दत तक वो काग़ज़ नम रहा -मीर तक़ी मीर


दिल से रुख़्सत हुई कोई ख़्वाहिश गिर्या कुछ बे-सबब नहीं आता -मीर तक़ी मीर


यारो मुझे मुआ'फ़ रखो मैं नशे में हूँ अब दो तो जाम ख़ाली ही दो मैं नशे में हूँ -मीर तक़ी मीर


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